भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने गैर बैंकिंग
वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र में जिम्मेदार शासन की संस्कृति बनाने की
जरूरत पर जोर देते हुए, इन कंपनियों से ग्राहकों के हित की रक्षा को सबसे
ज्यादा महत्व देने का आग्रह किया और कहा कि इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया
जा सकता।
उन्होंने कुछ कंपनियों द्वारा जबरन वसूली की घटनाओं को याद
करते हुए कहा कि विशुद्ध रूप से व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए
घटित वाकयों से उस पूरी प्रणाली की साख पर असर पड़ा है जो विश्वास पर ही
फलती-फूलती है।
राव ने सीआईआई द्वारा आयोजित एनबीएफसी सम्मेलन में
शुक्रवार को कहा, "यहां मेरा कहना है कि हमें व्यापारिक या अल्पकालिक लाभ
के लिए वित्त के मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए। ये लाभ वैसे भी
संस्थानों को दीर्घावधि में मिलेंगे, लेकिन ऐसा तभी होगा जब वह विश्वास और
पारस्परिक लाभ पर आधारित हों।’’
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Monday, 25 October 2021

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रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने एनबीएफसी से कहा: ग्राहकों के हित की रक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने एनबीएफसी से कहा: ग्राहकों के हित की रक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं
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