पंचम दीपोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हम सबके लिए सौभाग्य का अवसर है। राम कथा पार्क में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा और पूज्य संतों के आशीर्वाद से 2017 में इस दीपोत्सव का सिलसिला शुरू हुआ। देखते देखते यह दीपोत्सवा दुनिया का आयोजन बन गया। दीपावाली पर्व मनाने का मौका अयोध्या ने ही दिया था लेकिन अयोध्या में ही यह उत्सव नहीं मनाया जाता था। तब हमारी सरकार ने अयोध्या को उसका पुराना गौरव वापस कराने का निश्चय किया। आज तीन देशों के राजदूत और उच्चायुक्त मौजूद हैं। राम मंदिर निर्माण भी शुरू हो गया है। जब मै 2017, 18 और 19 को आया तो युवाओं का एक ही नारा था कि योगी जी एक काम करो मंदिर का निर्माण करो। आप लोक अपना नारा भूल गये होंगे। हम नहीं भूले हैं। तब मैने कहा था कि राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जा रही है।
यह
वही अयोध्या है जहां राम भक्तों पर गोली चलाई जा रही थी। जयश्रीराम का
नारा लगाना भी अपराध की श्रेणी में आता था। लोकतंत्र का तकाजा है कि आपने
ताकत की। मोदी जी के नेतृत्व में यह कार्य हो रहा है। आज वे लोग सोच रहे
हैं कि यदि आपने ऐसे ही ताकत दी तो आगे उनका क्या होगा। लिहाजा वह मंदिर जा
रहे हैं। योगी ने कहा कि अगली कारसेवा होगी तो वह लोग कतार में खड़े दिखाई
देंगे। अगली कारसेवा में गोली नहीं चलेगी, बर्बरता से लाठी नहीं चलाई
जाएगी। योगी के अगली कारसेवा को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के उस
बयान से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा कि अभी तो अयोध्या की
तैयारी है, काशी मथुरा की बारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र और
प्रदेश की भाजपा सरकार बिना किसी के साथ भेदभाव किए बगैर योजनाएं संचालित
हो रही हैं।
अयोध्या में भव्य राम
मंदिर निर्माण हो रहा है। अब दुनिया की कोई ताकत राम मंदिर निर्माण में
कोई बाधा नहीं डाल सकता है। मां विंध्यवासिनी धाम का भी विकास हो रहा है।
पहले प्रदेश का यह पैसा कबरिस्तान पर खर्च होता था। यही अंतर है। आज वही
पैसा मंदिरों और धार्मिक स्थलों के विकास पर हो रहा है। यह सोच का नतीजा
है। भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या देश और दुनिया के लिए सबसे
सुंदर धार्मिक एवं पर्यट नगरी होगी। अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डा का निर्माण हो
रहा है। हमारे पूज्य संतों में उत्सुकता रही होगी कि भगवान राम कैसे पुष्पक
विमान से एक ही दिन में लंका से अयोध्या पहुंचे होंगे। आज अयोध्या
त्रेतायुग की घटना का ही साक्षी नहीं बन रहा है। उस वक्त के विकास का भी
साक्षी बन रहा है।
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