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Tuesday, 16 June 2020

69000 शिक्षक भर्ती में जांच के उपरांत पकड़े गए भाजपा नेताओ मंत्रियों के लिंक के कारण तो नहीं हटाए गए प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध।

ये प्रयागराज के SSP सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज हैं. आप ट्विटर चलाते होंगे तो आपको खबर होगी कोई एक हफ्ते पहले उत्तरप्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले का पर्दाफाश हुआ था. इस घोटाले का पर्दाफाश करने प्रयागराज SSP सत्यार्थ अनिरुध्द पंकज ने ही किया था. 
बताया जा रहा है इस घोटाले की सुई प्रदेश के MSME मंत्री सुर भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह तक पहुंच रही थी. इसके अलावा व्यापम घोटाले से जुड़े दो संदिग्धों का नाम भी इस घोटाले में सामने आया है जोकि भाजपा सरकार के समय के बहुचर्चित घोटालों में से एक है. इस मामले की जांच करने वाले और पर्दाफाश करने वाले SSP सत्यार्थ अनिरुध्द पंकज को आज उनके पद से हटा दिया गया है, कारण कोई नहीं दिया गया है, बस हटा दिया गया है, फिलहाल वे वेटिंग लिस्ट में हैं उनके पास कोई पद नहीं है, कोई जिम्मेदारी नहीं है. फिलहाल SSP प्रयागराज पद की जिम्मेदारी किसी अन्य अधिकारी को सौंप दी गई है. 

आप ट्विटर पर देखिए छात्रों से लेकर तमाम नागरिक तक एसएसपी के समर्थन में आ गए हैं. लोग we want back satyarthsir 69k और "प्रयागराज एसएसपी हटाये क्यों गए" के हैशटैग के साथ ट्विटर पर ट्रेंड चला रहे हैं. ऐसे दौर में जब पुलिस, प्रशासन की विश्वनीयता हमेशा संदिग्धता के घेरे में रहती है तब एक पुलिस अधिकारी के समर्थन में लोगों का आना अपने आप मे एक बड़ा संकेत है. एसएसपी के ट्रांसफर की ये पूरी कहानी योगी सरकार और भाजपा सरकार की नीयत पर बड़े सवाल खड़े करती है. प्रदेश में बेरोजगारी ऐसे ही अपने उच्चस्तर पर है, ऊपर से 7-7 लाख रुपए लेकर शिक्षकों की नियुक्ति करना, पूरी ईमानदारी से तैयारी करने वाले छात्रों के साथ कितना बड़ा विश्वासघात है. आप अनुमान लगा सकते हैं. इन्हीं लोगों ने वोट देकर भाजपा को चुना, उनके ही भविष्य को सरकार पैसे लेकर बेच दे रही है। 

खैर, SSP के साथ ये नहीं करना चाहिए था.

लेखक : श्याम मीरा सिंह की फेसबुक वाल से साभार।

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