दौलत बेग ओल्डी :-
आए थे अखंड भारत बनाने , और भारत के एक खंड "गलवान घाटी" को चाईना से लड़ा बैठे, अब खबर आ रही है कि चीन भारत की मिलिट्री और एयर बेस "दौलत बेग ओल्डी" पर भी ज़बरदस्ती कब्ज़ा करने की कोशिश में है और भारतीय सेना को गश्त करने में रुकावट डाल रहा है।
तो आईए समझते हैं कि उस जगह का नाम दौलत बेग ओल्डी क्युँ है ? और दौलत बेग कौन थे ?
दौलत बेग का मकबरा। इमेज : गूगल
"यार्केंट खानटे" 1514 और 1705 ईस्वी के मध्य मध्य एशिया में स्थित एक राज्य था, जिसकी सरकार की सीट चीन के शिनजियांग में यारकंद में स्थित थी , यह भारतीय क्षेत्र में ना होकर सदैव ही चीन में स्थित था।
सुल्तान सईद खान जो मंगोल सम्राट चंगेज खान के वंशज थे वह इस राज्य के पहले शासक थे। सितंबर, 1514 से जुलाई, 1533 तक यार्केंट खानटे के राजा सुल्तान सईद खान अपने चरम पर शिनजियांग से मध्य एशिया के बड़े हिस्से पर शासन किया।
सन् 1531 में, सुल्तान सईद खान ने लद्दाख को तिब्बत में मिलाने के लिए ल्हासा पर विजय प्राप्त करने की अपनी बड़ी योजना के तहत आक्रमण करने के लिए अपने सेनापति मिर्ज़ा हैदर को नियुक्त किया।
जब हैदर लद्दाख के शासक का सामना करने में व्यस्त था, तब सुल्तान सईद खान ने खुद एक बड़ी ताकत के साथ युद्ध स्थल पर आने का फैसला किया। यद्धपि सुल्तान सईद खान स्वास्थ्य रास्ते में ही खराब हो गयी तो ल्हासा के अभियान को हैदर को सौंपा गया।
दौलत बेग का नक्शा (सांकेतिक) गूगल से।
घर वापस आने मे ही रास्ते में सुल्तान सईद खान की मृत्यु 9 जुलाई 1533 को हो गयी और जिस स्थान पर उनकी मृत्यु हुई उस जगह का नाम 'दौलत बेग ओल्डी' रखा गया था।
सुल्तान सईद खान का दूसरा नाम "दौलत बेग" भी था।
चुँकि दौलत बेग का राज्य "यार्केट खानटे" चीन की सीमा में है इसलिए उनके नाम "दौलत बेग ओल्डी" के कारण चीन इस क्षेत्र पर अपना दावा करता रहा है।
लेखक : मो जाहिद
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