देश के हर जिले और ब्लाक स्तर के सभी व्यापारिक संगठन लगभग संघ और भाजपा समर्थित होते हैं।
इन संगठनों में अग्रवाल , गुप्ता , केसरवानी और अरोड़ा सरनेम वालों का वर्चस्व होता है। यही भाजपा और संघ की सबसे बड़ी ताकत हैं जो वोट से लेकर धन तक इनको ना सिर्फ़ दान करते हैं बल्कि चुनाव में हर तरह से ध्रुविकरण करके उनको जिताते रहे हैं।
यही देश के सबसे बड़े मोदी भक्त हैं , इनकी किसी भी दुकान या मकान पर नज़र डाल लीजिए आपको तिकोनिया झंडा या भाजपा और मोदी के पोस्टर चिपके अवश्य मिल जाएँगे।
मोदी ने अपने कार्यकाल में चार गुनी चोट इनको ही सबसे अधिक मारी है , नोटबंदी से यह संभलते तो जीएसटी की मार , जीएसटी से संभलते तो मंदी की मार और मंदी से संभलते तो देशबंदी की मार।
मोदी सरकार में सबसे अधिक मार इनको ही पड़ी है , ना इनकी पूजी खत्म हुई बल्कि व्यापार भी बर्बाद हो गया पर मुल्ले कंट्रोल में रहें यह इस कारण आज भी मोदी भक्त बने हुए हैं।
इलाहाबाद गल्ला एंव तिलहन एसोसिएशन के एक मंत्री जी थे , धर्मेन्द्र उर्फ़ राजेश केशरवानी , घनी व्यापारिक गतिविधियों वाले बाज़ार "मुट्ठीगंज" के बड़े व्यापारी थे , कल व्यापार बर्बाद होने के कारण यमुनापुल से चलांग लगाकर आतहत्या कर लिए।
पिछले 3-4 महीने में आत्महत्या करने वाले मेरी नज़र में केवल इलाहाबाद इलाहाबाद के यह पाँचवें बड़े कारोबारी हैं , जो व्यापार बर्बाद होने के कारण आत्महत्या कर लिए। बाकी सभी जब तक जीवित थे , सबकी भक्ति चरम पर थी।
मुल्लों को नियंत्रित करने के चक्कर में खुद शांत हो गये।
किसी राजनैतिक पार्टी का समर्थन गलत नहीं है , उसकी भक्ति गलत है , ऐसी ही भक्ति से सरकारों और उसके मुखिया के अंदर से जनता के असंतोष का डर खत्म हो जाता है और फिर वह बर्बादी वाले फैसले लेने में नहीं हिचकता। पर जब असंतोष का उसे डर होता है तो वह फैसले लेने के पहले हर पैरामीटर पर उसे तौल लेता है।
राजेश केशरवानी जैसे तमाम व्यापारी उनके ऐसे ही फैसलों के कारण अपनी बलि दे रहे हैं।
राजेश भाई की आत्मा को ईश्वर शांति दे , अब मोदी की पैदा की बर्बादी उनका परिवार भुगतेगा , उनकी दो बेटियाँ और एक बेटा भुगतेगा।
पर बड़ा होकर यह सब भी मुल्लों की बर्बादी के लिए संघ और भाजपा को समर्थन देंगे और अपनी बर्बादी भूल जाएँगे।
प्रयागराज के सोशल मीडिया ग्रुप में वायरल पोस्ट।
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