उत्तर प्रदेश सरकार ने शतप्रतिशत अन्त्योदय कार्डों की जांच कराने का लिया फैसला।
बिजली कनेक्शन, अपनी जमीन, पक्का मकान, भैंस, बैल, ट्रैक्टर ट्राली, मुर्गी-गौ पालन आदि होना अन्त्योदय कार्ङ धारकों को भारी पड़ेगा क्योंकि उन्हें अपने राशन कार्ड से हाथ धोना पड़ सकता है।
प्रदेश सरकार को आशंका है कि अन्त्योदय कार्डों का प्रदेश में दुरुपयोग हो रहा है और इसीलिए शतप्रतिशत अन्त्योदय कार्डों की जांच कराने का फैसला लिया गया है।
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने सभी जिलाधिकारियों को दिए निर्देश में कहा है कि अन्त्योदय योजना लागू करने का उद्देश्य निर्धनतम परिवारों को लाभ देने का है लेकिन प्रदेश में प्रचलित राशन कार्डों का परीक्षण करने पर यह पाया गया है कि भारी संख्या में एक, दो, तीन और चार यूनिट के राशन कार्ड प्रचलित है।
कुछ जगहों पर राशन कार्डधारक की मौत के बाद भी नए पात्र व्यक्ति का कार्ड नहीं बनाया जा सका है। ऐसे में, आशंका है कि अपात्र लोगों द्वारा लाभ लिया जा रहा है या एक मात्र सदस्य के नाम अन्त्योदय कार्ड हों और शेष पात्र गृहस्थी का लाभ ले रहे हों अथवा मृत्यु के बाद भी कार्ड धारक के नाम पर राशन लिया जा रहा है। इसको देखते हुए शतप्रतिशत कार्डों की जांच कराया जाना जरूरी है।
खाद्य आयुक्त ने अन्त्योदय कार्डधारकों के चयन के लिए समय-समय पर जारी शासनादेशों का हवाला देते हुए कहा है कि तय मापदण्ड में अपनी जमीन, पक्का मकान, भैंस, बैल, ट्रैक्टर ट्राली, निश्चित व्यवसाय और बिजली कनेक्शन न हो। इनका हो चयन
1-मुखिया विधवा हो या लगातार बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति या विकलांग या 60 साल या उससे अधिक आयु का व्यक्ति, जिसकी जीविकोपार्जन का कोई निश्चित साधन न हो।
2-आदिवासी, जनजातीय परिवार3- एकल महिला, जिसका जीवन निर्वाह के लिए कोई निश्चित साधन न होखाद्य आयुक्त ने कहा है कि अन्त्योदय योजना का अनुचित लाभ की आशंका को निर्मूल करने के लिए प्रचलित सभी कार्ड की जांच कराया जाना आवश्यक है। जांच करा कर यह सुनिश्चित किया जाए कि पात्र लाभार्थी को ही वास्तव में इस योजना का लाभ प्राप्त हो।
वैसे सरकार के इस फैसले से दो तरह के अर्थ निकाले जा रहे हैं एक तरफ तो सरकार सबको बिजली का कनेक्शन देना जा रही है और दूसरी तरफ हो इनकी जांच कराने का फैसला कर रही है चर्चाओं में यह भी है कि सरकार का यह फैसला अंतोदय कार्ड को खत्म करके गरीबों को सब्सिडी से दूर करने का एक तरीका है।।
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