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Tuesday, 30 June 2020

अपने व्यावसायिक दोस्तो को भाजपा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का टाॅल बेचने जा रही है। योगी सरकार का यह फैसला जनविरोधी है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के टाॅल निजी कम्पनी को बेचने का भाजपा सरकार ने फैसला जनविरोधी है। यह एक्सप्रेस-वे समाजवादी सरकार के समय बना था जिस पर वायुसेना का जहाज तक उतर चुके हैं। इस शानदार एक्सप्रेस-वे पर बने आवश्यक जन सुविधाओं शौचालय, होटल रैस्टोरेंट को भी भाजपा सरकार बेच चुकी है।

 टाॅल वसूली का जिम्मा निजी एजेन्सी को 15 से 20 साल तक के लिए दिये जाने की योजना है। भाजपा सरकार का यह कदम प्रदेश के हितों तथा जनता के साथ विश्वासघात है।

     भाजपा सरकार का इरादा इसी तरह खेती को भी बड़ी प्राईवेट कम्पनियों के हवाले करने का है। किसानों के खेतों को पूंजीघरानों के पास बंधक रखने और अन्नदाता को भिखारी बनाने का यह कुचक्र तेजी से चल रहा है। इससे किसान अपनी खेती की जमीन का मालिक बनने के बजाय उसका खेतिहर मजदूर बन जाएगा।

      यह समझ से परे है कि भाजपा सरकार निजी कम्पनियों पर इतना मेहरबान क्यों हो रही है? अभी उसने कोरोना संकट के बहाने सभी कर्मचारियों, सांसदों, विधायकों से अच्छीखासी धनराशि ली है, कर्मचारियों के भत्ते खत्म कर दिए हैं। जनता से भी आर्थिक मदद प्रधानमंत्री जी के और मुख्यमंत्री जी के कोष में जमा हुई है। इसके बाद आखिर सरकार के कोष में कितनी रकम की कमी हो गई है?

      आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एक सरकारी परियोजना के अंतर्गत बनी है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जनता का धन लगा है। समाजवादी सरकार ने इसके लिए बाकायदा बजट का प्राविधान किया था। राज्य की सम्पत्ति को इस तरह निजी हाथों में सौंपा जाना अनुचित, अव्यवहारिक और निन्दनीय है। भाजपा सरकार राज्य की सम्पत्ति को बेचने का काम कर रही है। इस तरह तो भाजपा का बस चलेगा तो वह पूरे उत्तर प्रदेश को भी बेच सकती है? भाजपा सरकार की घोषणाओं, एम.ओ.यू. तथा तमाम आश्वासनों के बावजूद उत्तर प्रदेश में पूंजीनिवेश तीन वर्ष में आया नहीं, अब अगर उत्तर प्रदेश को ही बेच देंगे तो क्या तमाम समस्याओं का समाधान हो जायेगा?

      निश्चित तौर पर एक बात बहुत स्पष्ट है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को निजी हाथों में सौपने की साजिश में लगे लोगों को समझ लेना चाहिए कि अगली समाजवादी सरकार बनने पर भाजपा के ऐसे तमाम अनुबंध रद्द कर दिए जाएंगे। इस मामले की जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही होगी। जनता के हितों के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं होगा।

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