बीते 24 घंटों में सबसे ऊंची रिकवरी संख्या दर्ज की गई है; 28,472 मरीजों को छुट्टी दी गई
अब तक 7.5 लाख से अधिक कोविड मरीज स्वस्थ हो चुके हैं
रिकवरी दर 63 प्रतिशत के पार हुई
19 राज्यों / केंद्र शासित क्षेत्रों ने 63.13 प्रतिशत से अधिक की रिकवरी दर दर्ज की
एक दिन में 28,472 रोगियों के ठीक होने का अब तक सबसे ऊंचा आंकड़ा दर्ज किया गया है। ये पिछले 24 घंटों में ठीक हो चुके / अस्पताल से छुट्टी दिए गए कोविड-19 रोगियों की सबसे ऊंची संख्या भी है। इसके साथ ही ठीक हुए मरीजों की संख्या 7,53,049 हो गई है। इसने कोविड-19 रोगियों की रिकवरी दर को बढ़ाकर 63.13 प्रतिशत तक कर दिया है।
ठीक हो चुके रोगियों की लगातार बढ़ती संख्या ने सक्रिय मामलों (आज 4,11,133) के साथ फर्क को 3,41,916 तक बढ़ा दिया है। यह फर्क उत्तरोत्तर बढ़ते हुए चलन को दिखा रहा है।
जहां राष्ट्रीय रिकवरी दर में सुधार हुआ है, वहीं 19 राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र राष्ट्रीय औसत से भी अधिक रिकवरी दर दर्ज करवा रहे हैं।
राज्य /केंद्र शासित क्षेत्रका नाम | रिकवरी दर |
दिल्ली | 84.83% |
लद्दाख (यूटी) | 84.31% |
तेलंगाना | 78.37% |
हरियाणा | 76.29% |
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह | 75.00% |
राजस्थान | 72.50% |
गुजरात | 72.30% |
छत्तीसगढ़ | 71.81% |
असम | 71.05% |
ओडिशा | 70.96% |
तमिलनाडु | 70.12% |
मणिपुर | 69.48% |
चंडीगढ़ | 68.97% |
उत्तराखंड | 67.99% |
पंजाब | 67.86% |
मध्य प्रदेश | 67.47% |
दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव | 65.67% |
हिमाचल प्रदेश | 64.72% |
बिहार | 63.95% |
स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों की लगातार बढ़ती संख्या और सक्रिय व स्वस्थ मरीजों के बीच बढ़ता अंतर इस बात की गवाही है कि केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई और राज्य / केंद्र शासित सरकारों द्वारा लागू की गई रणनीतियां इच्छित परिणाम ला रही हैं। इस संबंध में प्राथमिक ध्यान घर-घर सर्वेक्षण, निगरानी, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, कंटेनमेंट की प्रभावी योजनाओं, कमजोर आबादी की जांच और व्यापक परीक्षणों के माध्यम से रोग का जल्द से जल्द पता लगाने पर दिया जा रहा है। तीन स्तरीय स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी और अच्छी तरह क्रियान्वित देखभाल के नियमों ने अस्पतालों में और घरेलू अलगाव के माध्यम से प्रभावी उपचार में मदद की है।
नई दिल्ली के एम्स के साथ साथ राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में उत्कृष्टता के केंद्रों ने आईसीयू रोगियों की गंभीर देखभाल और नैदानिक उपचार को बल दिया है, जिससे भारत में मरीज मृत्यु दर को कम किया जा सका है। नई दिल्ली के एम्स का ई-आईसीयू कार्यक्रम केंद्र-राज्य सहयोग का एक और रास्ता है जिसका उद्देश्य मृत्यु दर को कम करना है। सप्ताह में दो बार आयोजित किए गए इन टेली-परामर्श सत्रों ने आईसीयू रोगियों के नैदानिक प्रबंधन में क्षेत्र विशेषज्ञों के साझा अनुभवों और तकनीकी सलाह के माध्यम से राज्यों में बड़े कोविड-19 अस्पतालों का मार्गदर्शन और सहयोग किया है। स्वास्थ्य कर्मियों के समर्पित प्रयासों की वजह से मरीजों के स्वस्थ होने की दर में सुधार हो रहा है और मृत्यु दर लगातार कम हो रही है, जो वर्तमान में 2.41 प्रतिशत है।
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