सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है।
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की 1,692 परियोजनाओं में से 552 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं, जबकि 401 परियोजनाओं की लागत बढ़ी है।
मंत्रालय ने कहा कि देरी से चल रही 552 परियोजनाओं में 168 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने की, 125 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 145 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की तथा 114 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी में चल रही हैं।
इन 552 परियोजनाओं की देरी का औसत 39.71 महीने है।
इन परियोजनाओं की देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण व वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी तथा बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख हैं।
इनके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिये जाने में विलंब, परियोजनाओं की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि जैसे कारक भी देरी के लिए जिम्मेदार हैं।
No comments:
Post a Comment