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Wednesday, 1 July 2020

गोल्डन बाबा कि मृत्यु के बाद धरा रह गया सोना, क्राइम की दुनिया से धर्म के चोला धारण करने की कहानी भी है दिलचस्प।

सोने के आभूषणों से लदे रहने वाले गोल्डन बाबा का लंबी बीमारी के बाद नई दिल्ली के AIIMS अस्पताल में मंगलवार को निधन हो गया। उनके सहयोगियों द्वारा बताया जाता है कि उन्हें कैंसर था।


गोल्डन बाबा का असली नाम- सुधीर कुमार मक्कड़ था। वह  मूलरूप से यूपी के गाजियाबाद के निवासी थे। बीते कुछ समय से वह इंदिरापुरम की गीसी ग्रांड सोसायटी में रह रहे थे, जबकि संन्यासी से पहले वह कारोबारी थे।


दिल्ली के गांधी नगर इलाके में उनका कपड़े का कारोबार था। कहा जाता है कि अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़ संन्यास की राह अपना ली थी वहीं विरोधी कहते है की अपने को कानून से बचने के लिए उन्होंने धर्म की आड ले ली थी।

मक्कड़, सोने के शौकीन भी थे और उसे अपना ईष्ट भी मानते थे। वह इसलिए हर समय शरीर पर ढेर सारे सोने के आभूषण पहने रहते थे। साल 1972 से वह सोना इसी तरह पहन रहे थे। उनके गहनों में मोटी चेनें, लॉकेट, ब्रेसलेट, अंगूठी और बाजूबंद आदि होते थे। वह इसके अलावा Rolex की घड़ी भी पहनते थे।

बेशकीमतों गहनों के कारण कोई उनकी हत्या कर दे या करा दे, लिहाजा वह 20 से अधिक बॉडीगार्ड्स भी रखते थे। गोल्डन बाबा का क्रिमिनल रिकॉर्ड भी रहा है। पूर्वी दिल्ली में उनके खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी देने, जबरन वसूली, अपहरण और फिरौती आदि के कई मामले दर्ज हुए।

कावंड़ यात्रा (2018) में 21 लग्जरी कारों और 20 किलोग्राम सोना पहनकर वह चर्चा में आए थे। 


खैर इन सबके बाद एक दूसरा पहलू भी है, उनके विरोधियों का कहना है कि वह धर्म की आड़ में कई सारे अनैतिक कार्य करते हैं,
उनका धर्म से कुछ खास लेना देना नहीं है, उनकी जीवन शैली को देख कर लगता है जैसे किसी फिल्मी माफिया की फिल्म देख रहे है।

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