पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सभी शहीद पुलिसकर्मियों के शरीर के अगले हिस्से, सीने, पेट, माथे, गर्दन और हाथ पैर में ही गोलियां लगीं है। जिससे साफ लगता है कि पुलिस वाली ने सामने से उनका मुकाबला किया ना की पीठ दिखा कर भागे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि शिवराजपुर एसओ महेश यादव को 9, सीओ को पांच, दरोगा अनूप सिंह को 10, दरोगा नेबूलाल को दो, सिपाही जितेंद्र पाल को 6, सिपाही सुल्तान को 5, बबलू को 4 और राहुल को 6 गोलियां मारी गईं। गोलियां सभी के शरीर के अगले हिस्सों में लगी हैं।
बदमाशों ने हमला करते ही तय कर लिया था कि किसी भी हाल में कोई जिंदा न बच पाए। इसलिए अंधाधुंध फायरिंग की थी।
एसओ बिठूर कौशलेंद्र सिंह समेत छह पुलिसकर्मी घायल हैं, सभी के भी शरीर के अगले हिस्सों में गोलियां लगी हैं, कानपुर के अस्पताल में इनका इलाज चल रहा है। बदमाशों इनमें से कई को मरा समझकर छोड़ थे। जब फोर्स पहुंची तो इनको अस्पताल भेजा गया।
कानपुर में हुए इस एनकाउंटर का पूरा खूनी खेल सीसीटीवी में कैद है। वे कैमरे विकास दुबे के मकान के बाहर दीवारों पर लगे थे। भागने कें सा थ विकास दुबे डीवीआर लेकर फरार हो गया, ताकि सारे सबूत खत्म हो जाए। विकास ने पूरी तैयारी और साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिया ऐसा डीवीआर को लेकर भागने से समझ में आ रहा है।
No comments:
Post a Comment