अलीगढ़,
05 जुलाई (हि.स.)। अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र यमुना एक्सप्रेस वे पर पुलिस
मुठभेड़ में मारे गए बावरिया गैंग के बबलू गंजा को उसकी बुजुर्ग मां
गिर्राज देवी ने शनिवार देर रात्रि यहां (अलीगढ़) बन्नादेवी के नुमाइश मैदान
के श्मशान गृह में मुखाग्नि दी। हालांकि बेटे की मौत का गम उनके चेहरे पर
साफ दिख रहा था। लेकिन उनको पता था कि बेटे का भविष्य क्या है। बातचीत में
उन्होंने यही कहा कि सौतेले भाई ने बबलू को अपराध की राह दिखाई थी। उसे
उसके कर्मों की सजा मिली है।
हरियाणा
के बल्लभगढ़ से देर रात्रि अलीगढ़ में गिर्राज देवी पहुंची तो पुलिस ने
उनको पोस्टमार्टम हाउस में बबलू का शव दिखाया। उसको देखते ही मां ने पहचान
लिया। इस दौरान एक अधिवक्ता का मुंशी उनके साथ यहां आया था। इसके बाद शव
साथ ले जाने की बात हुई तो उन्होंने शव के यहीं अंतिम संस्कार की बात
स्वीकार कर ली। इसके बाद शव को नुमाइश मैदान ले जाया गया। जहां मां ने ही
उसे मुखाग्नि दी।
उन्होंने
ने बताया कि उनके पति रामपाल ने दो शादियां की थीं। पहली बीवी की मौत के
बाद उनसे शादी की। पहली पत्नी से एक बेटा जगदीश है। जिस पर करीब 22 के करीब
मुकदमे दर्ज हैं। पिता भी अपराधी है। वह जेल में बन्द है। पिता व सौतेले
भाई की संगत ने बबलू को भी अपराधी बना दिया था।
गिर्राज
देवी पर पांच बच्चे हैं। जिनमें बबलू तीसरे नंबर का था। इससे बड़ा बेटा व
बेटी है। बड़े बेटे का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उन्होंने बताया कि बबलू
एक महीने पहले आया था। उसके बाद उसकी कोई खबर नहीं मिली। शनिवार को एक
सिपाही पहुंचा। उसने बबलू की मौत की खबर दी। अब क्या कह सकते हैं। वह मारा
गया। उसने जैसा किया, वैसी ही सजा मिली है।
No comments:
Post a Comment