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धर्म के अनुसार ग्रह व ईष्ट देवाओं के विधि पूर्वक पूजन का व्यक्ति के
जीवन पर गहरा असर देखने को मिलता है। ग्रहों के देवता बुध की आराधना का भी
एक विशेष महत्व है। सबसे बड़ा इनकी पूजा करने से मृत्यु के बाद मनुष्य को
नरक जाने से मुक्ति मिल जाती है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। यही नहीं
बुध देव के पूजन का व्यक्ति के जीवन पर सबसे बड़ा लाभ धन-धान्य, पुत्र और
ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यह बातें आचार्य व ज्योतिषाचार्य विशाल
द्विवेदी ने कही।
उन्होंने
बताया कि बुध भगवान की पूजा का अलग ही महत्व है। इन्हें ग्रहों के रुप में
भी पूजा जाता है। ग्रहों के बदलाव से व्यक्ति के जीवन पर भी प्रभाव होता
है और बुध ग्रह के अनुकूल होने पर तरक्की व सौभाग्य का मार्ग प्रशस्त होता
है। जबकि प्रतिकूल होने पर दुष्परिणाम भी सामने आते हैं। ऐसे में बुध
अष्टमी का उपवास करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
बताया
कि हमारे शास्त्रों में जिस दिन बुधवार को अष्टमी तिथि पड़ती है उसे बुध
अष्टमी कहा जाता है। बुधाष्टमी के दिन सभी लोग विधिवत बुधदेव की पूजा तो कर
ही सकते हैं साथ ही सूर्य देव की पूजा अर्चना भी की जा सकती है। एक
ज्योतिष होने के नाते पं0 विशाल द्विवेदी का कहना है कि जिन लोगों की
कुंडली में अगर बुध कमजोर होता है उनके लिए बुध अष्टमी का व्रत अत्यंत
फलदाई होता है।
पन्ना का रत्न पहनना फलदाई
बताया
कि किसी व्यक्ति की कुंडली में अगर बुध दोष का प्रभाव हो तो उसे दूर करने
के लिए ज्योतिष की सलाह पर बुध अष्टमी के दिन अपने हाथ की सबसे छोटी उंगली
में पन्ना रत्न धारण करें। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन पर अनुकूल असर
पड़ा है और इस ग्रह जातक को खुशहाली मिलती है। बुध अष्टमी के दिन बुध देव
की पूजा के साथ बुधाष्टमी की कथा भी अवश्य सुननी चाहिए। आचार्य के अनुसार,
बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से भी भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और
बुध दोष का असर कम होता है।
बुधाष्टमी में इस मंत्र जप से मिलता है लाभ
ऊं बुधाय नमः, ऊं सोमामात्मजायनमः
ऊं दुर्बुद्धिनाशनाय, ऊं सुबुद्धिप्रदायनमः
ऊं ताराजाताय, ऊं सोम्यग्रहाय नमः
ऊं सर्वसौख्याप्रदाय नम:।
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