मॉनसून 2020: बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव, ओडिशा से लेकर गुजरात तक मॉनसून हो सकता है उग्र
बंगाल की खाड़ी पर बांग्लादेश और म्यांमार से सटे क्षेत्रों के पास एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो गया है। वियतनाम, लाओस, थाईलैंड समेत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को भीषण बारिश देने वाला चक्रवाती तूफान ‘सिनलाकू’ म्यानमार पहुंचते-पहुंचते कमजोर होकर निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया था और अब बंगाल की खाड़ी के उत्तरी क्षेत्रों पर है। बंगाल की खाड़ी से ही पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए यह सिस्टम और प्रभावी हो सकता है।
इस सिस्टम के चलते उम्मीद बनी है कि मध्य भारत के भागों में सुस्त पड़ा मॉनसून अगले कुछ दिनों के लिए व्यापक रूप ले सकता है। 4 से 6 अगस्त के बीच ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भीषण बारिश देखने को मिल सकती है। इस सिस्टम के प्रभाव से 5 और 6 अगस्त को गुजरात के उत्तरी क्षेत्रों में भी भारी वर्षा होने की संभावना है। निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से मॉनसून की अक्षीय रेखा भी दक्षिणवर्ती हो जाएगी। पूरब में यह पहले से ही निम्न दबाव के क्षेत्र तक पहुँच गई है। जबकि पश्चिम में अभी भी उत्तरी राजस्थान पर है। जैसे-जैसे यह सिस्टम पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ता रहेगा, मॉनसून ट्रफ भी दक्षिणावर्ती होती रहेगी और मॉनसून की ज्यादा से ज्यादा गतिविधियां मॉनसून ट्रफ और निम्न दबाव के क्षेत्र के आसपास ही देखने को मिलेंगी।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2020 की अच्छी शुरुआत हुई थी और जून में सामान्य से 18% बारिश पूरे देश भर में देखने को मिली थी। लेकिन जुलाई काफी निराशाजनक रहा और कई राज्यों पर सूखे जैसे हालात लगातार बने रहे। जुलाई में औसत से 10% कम वर्षा दर्ज की गई। आपको बता दें कि 4 महीनों के मॉनसून सीजन यानी जून-जुलाई-अगस्त और सितंबर में जुलाई सबसे अधिक वर्षा वाला महीना है। इसमें 10% बारिश की कमी बहुत मायने रखती है। जुलाई में बारिश में कमी का ही नतीजा है कि अब देश में मॉनसून वर्षा सामान्य से 2% नीचे पहुंच गई है। अगस्त के शुरुआती 3 दिन भी निराशाजनक रहे और हर दिन सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई। लेकिन वर्तमान निम्न दबाव के चलते उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिन देश के कई इलाकों में व्यापक वर्षा होगी।
मॉनसून सीजन में आमतौर पर हर एक महीने में बंगाल की खाड़ी पर दो-तीन प्रभावी मौसमी सिस्टम बनते हैं। लेकिन साल 2020 के मॉनसून में जुलाई में बंगाल की खाड़ी की तरफ से निराशा हाथ लगी। जिसकी वजह से बारिश में कमी रही। लेकिन वर्तमान सिस्टम प्रभावी है बारिश बढ़ाएगा। मॉनसून की हलचल कई क्षेत्रों में होगी। इस सिस्टम के बाद एक दूसरा सिस्टम भी बंगाल की खाड़ी पर विकसित होगा और इस सिस्टम के आगे निकल जाने के बाद देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों से जमीनी भागों पर प्रवेश करेगा।
उत्तर भारत
मॉनसून ट्रफ के कभी उत्तर तो कभी दक्षिणवर्ती होने के चलते उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में सप्ताह के शुरुआती दिनों में मॉनसून कमजोर रहेगा और बारिश की गतिविधियां बहुत कम होंगी। शुरुआती समय में यह अधिकांश समय उत्तर प्रदेश के इर्द-गिर्द ही रहेगी। हालांकि सप्ताह के मध्य से उत्तर-पश्चिम भारत में भी मॉनसून में सुधर शुरू होगा और सप्ताह के आखिरी दो दिनों में यानि 8 और 9 अगस्त को कई जगहों पर भारी वर्षा हो सकती है।
पूर्वी राजस्थान में इस सप्ताह काफी अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। बारिश में कमी की कुछ भरपाई संभव है। हालांकि पश्चिमी हिस्सों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। 7 और 8 अगस्त को इन भागों में कुछ बौछारें पड़ने की उम्मीद है। पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गरज और बारिश का मौसम बना रहेगा। रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। जबकि जम्मू-कश्मीर में गतिविधियाँ बहुत कम होंगी और यह केवल तराई क्षेत्रों तक ही सीमित रहेंगी। दूसरी ओर लद्दाख में इस सप्ताह के दौरान भी काफी कम गतिविधियां संभव हैं।
पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत
साल 2020 के मॉनसून में बाढ़ का कहर अब तक कुछ ही राज्यों पर पड़ा है। बिहार और असम मुख्यतः बाढ़ से त्रस्त राज्यों में एक रहे हैं। इस सप्ताह इन दोनों राज्यों पर मॉनसून की सक्रियता कम रहेगी जिससे बाढ़ से कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि छिटपुट बारिश जारी रह सकती है। कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र में भी रुक-रुक कर कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा होने की संभावना है। सप्ताह के मध्य से बारिश बढ़ सकती है।
मध्य भारत
बंगाल की खाड़ी पर 4 अगस्त को एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इसके डिप्रेशन बनने की भी संभावना है। यह सिस्टम ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र से आगे बढ़ते हुए 6 या 7 अगस्त को गुजरात पहुंच सकता है। इसके प्रभाव से मध्य भारत के राज्यों में भारी मॉनसून वर्षा की संभावना है। मुंबई सहित कोंकण-गोवा, दक्षिणी गुजरात, सौराष्ट्र में इस सप्ताह अच्छी बारिश की संभावना है। मुंबई समेत कोंकण में 6 अगस्त तक जबकि गुजरात में 7-8 अगस्त तक अच्छी बारिश की संभावना है। इस दौरान सूखाग्रस्त उत्तरी गुजरात में भी अच्छी मॉनसून बारिश के आसार हैं।
दक्षिण प्रायद्वीप
पश्चिमी तटों पर बनने वाली ट्रफ इस सप्ताह सक्रिय रहेगी। तटीय कर्नाटक और केरल में काफी व्यापक बारिश इस सप्ताह देखने को मिल सकती है। केरल में सप्ताह के अंत में मूसलाधार वर्षा के कारण बाढ़ जैसी स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं। तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में सप्ताह के शुरुआती दिनों में भारी बारिश होगी और बाद में धीरे-धीरे बारिश होगी। कर्नाटक के आंतरिक भागों में भी 8 और 9 अगस्त को अच्छी बारिश हो सकती है। इस अवधि के दौरान बंगलुरु, मैसूर, मंड्या और हासन में भारी बारिश होने की संभावना है।
दिल्ली एनसीआर
दिल्ली में मॉनसून अब तक कमजोर रहा है और सामान्य से कम बारिश हुई है। इस सप्ताह की भी शुरुआती कमजोर मॉनसून के साथ होगी और 7 अगस्त तक मुख्यतः शुष्क मौसम की ही संभावना है। इस दौरान हल्की वर्षा कहीं-कहीं हो सकती है। 8 और 9 अगस्त को बारिश बढ़ेगी जब मॉनसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के करीब पहुंचेगी।
चेन्नई
सप्ताह की शुरुआत गर्म और आर्द्र मौसम के साथ होगी। 5 तारीख से हल्की बारिश कहीं-कहीं पर होने की संभावना है। सप्ताह के आखिरी दो दिनों के दौरान यानि 8 और 9 अगस्त को मॉनसून सुधरेगा और भारी बारिश देखने को मिलेगी।
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