अपने राष्ट्रपिता का सम्मान करना पाकिस्तानियों से सीखना चाहिए।
जिन्ना ढंग का मुसलमान भी नहीं था , उसका पूरा जीवन शराब और सुअर खाने में गुज़रा , ऐय्याशियाँ भी उसने जम कर की , मंहगी सिगरेट उसका शौक था , बाप और दादा हिन्दू थे , बीवी पारसी थी । शायद ही वह नमाज़ पढ़ते थे। मुसल्लम इमान का एक भी उदाहरण उनमे नहीं था।
फिर भी कट्टर इस्लामिक देश पाकिस्तान के मुसलमान उनका गजब का सम्मान करते हैं।
अपने राष्ट्रपिता का अपमान करना भारतीयों से सीखना चाहिए
गाँधी एक शुद्ध हिन्दू थे , कण कण में हिन्दू धर्म भरा था , उनका एक पवित्र चरित्र था , शराब माँस मछली सिगरेट से दूर , ऐय्याशी और ठाठ बाट से कोई नाता नहीं , खुद अपना वस्त्र अपने काते धागे से बना पहनते थे। एक धोती और एक लाठी लेकर कहीं भी दिख जाने वाले और जीवन भर "रामधुन" "रघुपति राघव राजा राम "गाने वाले , अंतिम क्षणों में "हे राम" कह कर देह त्यागने वाले गाँधी जी आज अपने देश में ही एक वर्ग की घृणा के पात्र हैं।
वही सेकुलर भारत के हिन्दू कहीं उनके पुतले को गोली मारते हैं तो कहीं उनकी तस्वीर पर चप्पल जूता तो कहीं उनकी मुर्ति तोड़ी जाती है।
राष्ट्र दोनों ने ही बनाया था।
मो जाहिद।
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