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Sunday, 6 September 2020

बिहार: गांव आए श्रमिकों ने आत्मनिर्भर बनने के लिए शुरू किया मछली पालन और पोल्ट्री फॉर्म

 वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण 2020 इतिहास के पन्नों पर काले अध्याय के रूप में दर्ज होगा। लेकिन इसके साथ ही 2020 आपदा को अवसर में बदलने के लिए भी जाना जाएगा। लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति के कारण जब देश के विभिन्न शहरों से श्रमिक अपने घर की ओर भागने लगे तो देश के समग्र विकास में लगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रमिकों को उनके गांव में ही काम उपलब्ध कराने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया। वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया, ताकि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो सके। प्रधानमंत्री की यह महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत योजना ने लोगों को कितना जागरूक और प्रेरित किया, इसका प्रमाण अब दिखने लगा है। बाहर से आए श्रमिकों ने यहां नई पहल की और उस पहल का कमाल है कई नवाचार स्वरोजगार शुरू हुए हैं। 


आत्मनिर्भर भारत का ऐसा ही एक बेहतरीन पहल दिख रहा है बेगूसराय जिला के बछवाड़ा प्रखंड स्थित चिरंजीवीपुर गांव में। यहां टुनटुन कुशवाहा समेत 20 कामगार कोरोन काल में बाहर से नौकरी छोड़कर गांव आए और स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए गांव में मछलीपालन और पोल्ट्री का काम शुरू करने का निर्णय लिया। दिन रात किया गया इन लोगों का अथक परिश्रम अब रंग दिखा रहा है, इनके कृत्रिम तालाब में मछलियां कूद रही है, पोल्ट्री फॉर्म भी तैयार हो चुका है। लोग इनके काम की तारीफ करते हुए सीखने आ रहे हैं। 
 

 

बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इन श्रमिकों के काम की तारीफ की है। गिरिराज सिंह ने कहा कि आपदा को अवसर में बदलना, आत्म निर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है। टुनटुन कुशवाहा समेत 20 कामगार कोरोना काल में बाहर से नौकरी छोड़ गांव में मछलीपालन और पोल्ट्री का काम शुरू किया। आज वो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर कुमार राय ने बताया कि टुनटुन कुशवाहा की टीम जैसे स्वरोजगार की भावना वाले लोगों की बदौलत ही हमारा भारत आत्मनिर्भर होगा। सशक्त और आर्थिक रूप से संपन्न बिहार का नव निर्माण होगा। 

टुनटुन कुशवाहा कहते हैं कि लॉकडाउन होने के बाद देश के तमाम शहरों से लाखों श्रमिकों की भागम-भाग हुई। अपने को समाज हितैषी, लोक हितैषी कहने वाले उद्योगपतियों ने वर्षों से काम कर रहे श्रमिकों को भगा दिया। मजदूरों की जलालत को केन्द्र सरकार ने तुरंत ही समझा और कई बड़े अभियान शुरू किए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आपदा को अवसर में बदलने का मूल मंत्र दिया है। हम कोरोना से लड़ेंगे, इस आपदा को अवसर में बदलेंगे। हम श्रम के साधक सशक्त बनेंगे और बनाएंगे, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा।

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