एयरो इंडिया-2021 की तमाम उपलब्धियों में से एक विभिन्न देशों के वायुसेना प्रमुखों का दो दिवसीय कॉन्क्लेव भी रहा जिसके तीन सत्रों ने एयरोस्पेस रणनीति के संबंध में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया। इन सत्रों में 'विघटनकारी प्रौद्योगिकी और नवाचार', 'इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एयर पावर' और 'एयर पावर एवं एयरोस्पेस रणनीति' के विषयों पर चर्चा हुई। युद्ध को प्रभावित करने वाली उभरती हुई प्रौद्योगिकियों और ग्लोबल कॉमन्स की सुरक्षा और स्थिरता से संबंधित मुद्दों पर 50 देशों के वायुसेना प्रमुखों ने विचारों का आदान-प्रदान किया।
वायुसेना
प्रमुखों ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए
एक महत्वपूर्ण ऊर्जा के रूप में एयर पावर की भूमिका को दोहराया। कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर कॉन्क्लेव को हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया गया था जिसमें करीब 50 देशों ने भाग लिया। कॉन्क्लेव में अमेरिका,
यूरोप, मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया, मध्य एशियाई गणराज्यों, दक्षिण पूर्व
एशिया, अफ्रीका, हिन्द महासागर क्षेत्र और इंडो प्रशांत से वायुसेना प्रमुख
शामिल हुए। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने सभी प्रमुखों, नामित
प्रतिनिधियों को इस कॉन्क्लेव में भाग लेने और उनके बहुमूल्य योगदान के लिए
धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कॉन्क्लेव में हुई चर्चा वायु सेनाओं के
बीच समझ, सहयोग और बहुपक्षीय क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगी।
एयरो इंडिया-2021 के दौरान शुक्रवार को अमेरिकी वायुसेना के उप-अवर सचिव केली एल सेबोल्ट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा के साथ सैन्य आदान-प्रदान और वायुसेना के स्तर के सहयोग में निरंतर प्रगति को स्वीकार किया। इसी तरह फ्रांसीसी रक्षा खरीद एजेंसी (डीजीए) के निदेशक जनरल थियरी कार्लाइल ने भी एयर चीफ मार्शल से मुलाक़ात करके भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को गहरी रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।
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