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Sunday, 6 October 2024

उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के क़ौमी यकजहती का आल इण्डिया मुशायरा

 उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के क़ौमी यकजहती का आल इण्डिया मुशायरा पर बही रस धारा

लहू का एक एक क़तरा इस पर कर देंगे क़ुर्बान-न टूट सकेगा हिन्दुस्तान न टूट सकेगा हिन्दुस्तान



उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी का एक शाम शहीदों के नाम मुशायरे में शायरों ने भरे क़ौमी यकजहती के रंग में श्रोताओं को झूमने पर कर दिया मजबूर ,जमकर मिली वाह वाही।अल हुदा एजूकेशनल सोसायटी के संयोजन में प्रयागराज के हिन्दुस्तानी अकेडमी सभागार में मुशायरे का आग़ाज़ मुख्य अतिथि पूर्व डायरेक्टर आल इंडिया रेडियो अशरफ अली बेग विशिष्ट अतिथि नैनी रामलीला कमेटी के संरक्षक व मदर टेरेसा फाउण्डेशन के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद शारिक़ ,पूर्व एडीएम जलीस अहमद सिद्दीकी ,उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी आयोग की सदस्य छाया देवी व ज्वाइंट रजिस्ट्रार इलाहाबाद हाईकोर्ट नसीम अहमद के द्वारा राष्ट्रगान गाकर हुआ।शायर व अंतराष्ट्रीय संचालक नजीब इलाहाबादी के संचालन में सबसे पहले अल हुदा एजूकेशनल सोसायटी के कनवीनर इन्तजार आब्दी द्वारा मुख्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट करने के साथ शॉल ओढ़ाकर व मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया।वहीं एक दर्जन से अधिक ख्यातिप्राप्त शायरों व कवियों ने देश और देश पर कुर्बान होने वाले रणबांकुरों को समर्पित रचनाओं और काव्यांजलि से याद किया।शायर नायाब बलियावी के शेर न टूट सकेगा हिन्दुस्तान न टूट सकेगा हिन्दुस्तान!लहू का एक एक क़तरा इस पर कर देंगे क़ुर्बान!

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई!मन्दिर मन्दिर गूंज रही है एक मुस्लिम की शहनाई! 

शहनाई से आज भी ज़िन्दा है बिस्मिल्लाह खान..न टूट सकेगा हिन्दुस्तान! पर खूब तालियां बजीं।वहीं मख़दूम फूलपूरी ने क़ौमी यकजहती पर कलाम पेश करते हुए पढ़ा।दिलों दिमाग़ में भर दे जो आग नफरत कि।

कभी बच्चों को ऐसी किताब मत देना!वन्दना शुक्ला ने स्वार्थी लोगों पर कविता के माध्यम से प्रहार करते हुए कहा।सुख समृद्धि प्रसन्नता की बेल को काट देते हैं!जिसने बोलना सिखाया उसे ही डांट देते हैं।आज हम अपने थोड़े से स्वार्थ की खातिर।घर आंगन दालान क्या औलाद को ही बांट देते हैं।फरमूद इलाहाबादी ने मौजूदा हालात पर तंज़ कसते हुए पढ़ा।किसी इंसान ने इंसान को मारा तो क्या मारा।फलां सिंह ने फलां खान को मारा तो क्या मारा।कई रावण हमारे मुल्क में हैं आज भी ज़िन्दा।दशहरे पर बुते बेजान को मारा तो क्या मारा।जलाल फूलपूरी ने क़ौमी एकता का संदेश देते हुए कहा मस्जिद में गर अज़ां है तो मन्दिर में है भजन।गिरजा घरों में रब की इबादत है आज भी-मिल जुल कर रहें यह ज़रूरत है आज भी।शायर मिस्बाह इलाहाबादी ,शायर रुस्तम साबरी ,शायरा श्रीमती निलीमा मिश्रा ,श्रीमती वन्दना शुक्ला ,अनस बिजनौरी ,अनम बिजनौरी ,नातिक़ ग़ाज़ीपुरी ,हसन जौनपुरी ,अशरफ उन्नावी ने भी अपने उच्च कोटि की रचनाओं से श्रोताओं का दिल जीता। कार्यक्रम में समाज में उत्कृष्ट कार्य करने व लोगों के सुख दुख समृद्धि में अग्रणी भूमिका निभाने वाले समाजसेवीयों रुक़य्या नसीम ,हसन इज़हार 'शकील' ,देव बोस ,मयंक यादव 'जोंटी' ,अनील सोनाजा ,परमजीत सिंह मंगू ,विष्णु कुमार सिद्धार्थ ,राहुल त्रिपाठी , इम्तेयाज ग़ाज़ी ,क़मरुल हसन सिद्दीकी ,भारत केशरी ,हिमांशू ,सैय्यद अली हसन जाफरी को अल हुदा एजूकेशनल सोसायटी की ओर से सम्मानित किया गया।वहीं नैनी रामलीला कमेटी के संरक्षक व रामलीला आयोजन के लिए अपनी ज़मीन दान कर एक मिसाल पेश करने वाले समाजसेवी मोहम्मद शारिक़ व कोरोना काल में समाजसेवा का कीर्तिमान स्थापित करने समाजसेवी शफक़त अब्बास पाशा को विशेष सम्मान देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एम ए अंसारी ,शायर अनवार अब्बास ,आसिफ उस्मानी ,वज़ीर खान  ,मंजू यादव ,एस ए खान , इफ्तेखार आलम ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,आफताब बाबा ,सज्जाद मेंहदी,वासिफ अब्बास रिज़वी ,जैनुल अब्बास आदि श्रोतागण उपस्थित रहे।

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