इंजीनियरिंग प्लास्टिक्स में वैश्विक अग्रणी कंपनी पॉलीप्लास्टिक्स कंपनी लिमिटेड ने बायोमास—संचालित पदार्थों (द्रव्य संतुलन पहल) पर आधारित स्थायी समाधान के लिए लेपेरोस (आ) बीजी—एलसीपी लॉन्च करने की घोषणा की है जिससे कार्बन डाइआॅक्साइड का उत्सर्जन कम होता है और अक्षय कंटेंट अनुपात सुधरता है। इस पेशकश से कंपनी की ड्यूरासर्किल (आर) मुहिम विस्तारित होती है जिसमें पहले से ड्यूराकॉन (आर) बीजी—पीओएम शामिल है।
वसंत 2025 में व्यावसायीकरण के लिए निर्धारित लेपेरोस (आर) बीजी-एलसीपी पारंपरिक उत्पादों की तरह निर्मित होता है और समान रासायनिक और भौतिक गुणों को प्रदर्शित करता है। पॉलीप्लास्टिक्स ने इस नए समाधान को लेपेरोस (आर) एलसीपी के सभी ग्रेडों में विस्तारित करने की योजना बनाई है। द्रव्यमान संतुलन दृष्टिकोण बायोमास से प्राप्त कच्चे माल को जीवाश्म संसाधनों से प्राप्त कच्चे माल के साथ जोड़ता है। बायोमास कच्चे माल के इनपुट की मात्रा के अनुसार, उन्हें रेसिन निर्माण प्रक्रियाओं में संयोजित करके परिणामी उत्पाद के एक हिस्से को बायोमास-व्युत्पन्न माना जा सकता है। यह टिकाऊ विकल्प बायोमास-व्युत्पन्न और जीवाश्म संसाधन-व्युत्पन्न उत्पादों को अलग-अलग उत्पादित करने की आवश्यकता को समाप्त करता है। उपयोगकर्ताओं को प्रत्येक अलग ग्रेड के लिए प्रदर्शन और गुणवत्ता का पुनर्मूल्यांकन करने की भी कोई आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार, यह दृष्टिकोण प्रभावी ढंग से कार्बन तटस्थता और एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को अधिक तेज़ी से प्राप्त करने में मदद करता है। लेपेरोस (आर) एलसीपी बेहतर गर्मी प्रतिरोध और मजबूत यांत्रिक प्रदर्शन के साथ-साथ पतली दीवार और उच्च-प्रवाह क्षमता विशेषताएं प्रदान करता है। इसमें धातु के समान कम रैखिक विस्तार गुणांक के साथ-साथ कम मोटाई पर प्रति इकाई क्षेत्र में उच्च शक्ति होती है। इसका उपयोग कई अल्ट्रा-छोटे सटीक कनेक्टरों और अत्याधुनिक आईटी उपकरणों के अन्य हिस्सों में किया जाता है जो टैबलेट और स्मार्टफोन सहित तेजी से कॉम्पैक्ट होते जा रहे हैं।
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