गाँव के एक बुजुर्ग ने एक कहानी सुनाई थी
एक राजा था , बहुत ज़ालिम था , अपनी प्रजा का बहता खून देख कर उसे बहुत आनंद आता था। हर खून खराबे और आत्याचार में उसका हाथ होता था।
उसके पड़ोसी देश का राजा उससे भी बड़ा ज़ालिम और शातिर राजा था।
अब छोटे राजा जब उससे मिलते तो लपक लपक कर मिलते , 6 साल में 18 बार मिले , झूला झुलाए , घुमाए , फिराए।
छोटे राजा सोचे कि इससे वह पड़ोसी राजा खुश हो जाएगा।
पर वह राजा तो इनसे भी शातिर था , खूब घूमा , झूला झूला और एक दिन छोटे राजा के राज्य पर आक्रमण कर दिया और 60 स्क्वायर किमी ज़मीन कब्ज़ा कर ली। छोटे राजा तो हक्के बक्के कई दिन सन्नाटे में रहे कि उसने यह क्या कर दिया ? इतनी सेवा सत्कार की थी।
छोटे राजा सोचे कि इसका बदला लूँगा , और उसका अपनी सीमा में गिरा एक अपवित्र बाल टेढा करके अपना सीना 56" का कर लिया। उसकी अंध भक्त प्रजा को लगा कि राजा ने बदला ले लिया।
👉 स्पष्टीकरण :- यह एक काल्पनिक कहानी है , इसका किसी भी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से कोई संबन्ध नहीं। यदि कोई इसे किसी से जोड़ता है तो यह मात्र एक संयोग हो सकता है इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं। लेखक ऐसे किसी भी संयोग की संभावना का जिम्मेदार नहीं।
मो जाहिद
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