इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी। बृहस्पतिवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा है। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे पर लाया। इसके बाद उसे बंधक बना लिया।
चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाए रखा। इसके बाद 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी। इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया।
तीन दिन बाद 29 जून की शाम को संजीत के पिता चमन सिंह यादव को फोन कर अपहरण कर्ताओं द्वारा फिरौती मांगी गई। परिजनों ने पुलिस के कहने पर मकान, जेवर आदि बेचकर जैसे तैसे 30 लाख रुपयों की व्यवस्था की और 13 जुलाई को अपहर्ताओं को सौंप दिए लेकिन पुलिस अपहर्ताओं को नहीं पकड़ पाई और वे 30 लाख लेकर भाग गए।
कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार का कहना है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उनके द्वारा 26-27 जून को पीड़ित की हत्या कर दी गई थी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया गया था। शव को बरामद करने के लिए पुलिस और गोताखोरों की टीमें बनाई गई हैं।
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