कार्टूनिस्ट कैप्टन साहब का ये कार्टून, कांग्रेस की दशा पर जबरजस्त और दिल दहलाऊ तंज है। उम्मीद करता हूँ कि इस घूंसे से उनकी आत्मा कुछ जागेगी, इसलिए शेयर करता हूँ।
बहरहाल बात बंगले की।
नीच भक्त प्रजाति और उनके पद धारी सुपर नीच सुपरवाइजर्स प्रचार कर रहे है कि प्रियंका ने यह मकान धौस देकर कब्जा कर रखा था, जिसे फ़ौज लगाकर खाली कराना पड़ा है। सच्चाई बताये जाने की जरूरत है।
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप, याने एसपीजी की सुरक्षा का कानून, प्रधानमंत्री, निवृत्त प्रधानमंत्री और उनके परिवार वालों को एसपीजी प्रोटेक्शन देता था, जिसे वर्तमान सरकार ने हाल ही में बदल कर अब केवल मौजूदा प्रधानमंत्री को ही अर्हक रखा है।
ऐसे व्यक्ति को बंगला एसपीजी कवर के लिहाज से दिया जाता है। सिर्फ एक बंगला नही होता इसके इर्दगिर्द दूसरे बंगले भी क़ई बार शामिल हो जाते है। जैसे प्रधानमंत्री का 7 रेसकोर्स रोड आपने सुना होगा, मगर 6,8,9 और 10 नम्बर बंगला भी प्राइमिनिस्टर निवास के काम्प्लेक्स में शामिल है। किसी और को आवंटित नही होते, उसमे बड़ी संख्या में लगे हुए उनके सुरक्षा और दीगर स्टाफ रहते है।
इसी तरह से प्रियंका का बंगला भी सुरक्षित लोकेशन देखकर, एसपीजी प्रोट्रक्शन के नजरिये से सरकार ने ही आवंटित किया था। बंगला फ्री नही होता, किराया और व्यय लिए जाते है। यह किराया प्रोपर्टी वैल्यू के लिहाज से कम होता है, मगर वह किराया अर्बन डेवलमेंट मिनिस्ट्री तय करती है, और प्रियंका रहे या स्मृति, सबसे वही किराया लेती है। ताजा खबर के अनुसार प्रियंका ने 3,46,677 रुपये सरकार को चुका दिए है, और उत्तर प्रदेश शिफ्ट होने की तैयारी में हैं।
प्रोटेक्शन हटाना सरकार का अधिकार है, बंगले की पात्रता उस अनुसार समाप्त हो जाती है, सो खाली करने का नोटिस भी जायज है। नाजायज तो झूठ और अपमानजनक बाते फैलाना, और राजीव के बेटी को घर से निकाल देने पर विजयउद्घोष करना है।
देहात में अक्सर देखा है, बाहर से बेइज्जत, उपहास और पिटाई खाकर आने वाला शराबी निकम्मा बाप, घर में बीवी और बेटी को पीटता है। चीनियों को न निकाल सकने की खीज 35 लोधी एस्टेट के बंगले में निकालने को इसी क्रम में समझिये।
और जोर से कहिये- जय श्रीराम।
बेटी यूपी जा रही है न ..
लेखक : मनीष सिंह
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