काँग्रेस उत्तर प्रदेश में अब फ्रंटफुट पर खेलने लगी है। काँग्रेस ने ऐलान किया है कि वह डाक्टर कफ़ील की रिहाई के लिए अगले 15 दिनों तक उत्तर प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाएगी।
दरअसल केन्द्र सरकार का यह प्रयास है कि सरकार के विरुद्ध किए गये आंदोलन में जितने भी नेतृत्व करने वाले चेहरे रहे हैं सबको जेल में ठूस दिया जाए। और इसी मिशन में डाक्टर कफील को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मथुरा जेल में बंद कर दिया गया।
सरकार की मंशा इससे समझी जा सकती है कि जैसे ही ऐसे नेतृत्वकर्ताओं को अदालत से ज़मानत मिलती है उनपर रिहाई के पहले है रासुका या यूएपीए लगाकर फिर से लंबे समय तक जेल में रहने का इंतज़ाम कर दिया जाता है।
डाक्टर कफील के साथ भी यही किया गया और गत फरवरी जमानत पर रिहाई से पहले उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया गया।
अब काँग्रेस डाक्टर कफील की रिहाई के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के निर्देश प्रदेशव्यापी अभियान चलाने जा रही है तो इसका स्वागत करना चाहिए और अगले 15 दिनों तक घर-घर जाकर रिहाई के लिये हस्ताक्षर अभियान, सोशल मीडिया अभियान, मज़ारों पर चादरपोशी तथा रक्तदान एवं अन्य आयोजित कार्यक्रम का समर्थन करना चाहिए।
कोई तो है जो इन सब सरकार पीड़ितों के पक्ष में आवाज़ उठा रहा है, समर्थन मिला तो सबके लिए ऐसी पार्टियाँ आवाज़ उठाएँगी।
वर्ना टीपू तो अपने प्रमुख नेता के परिवार की गिरफ्तारी से ही डरा सहमा बैठा है।
वेलडन प्रियंका गाँधी।
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