कांग्रेस ने आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है दरअसल मोदी सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से मास्क और हैंड सैनिटाइजर आदि को जरूरी चीजों की लिस्ट से हटा दिया है इससे मल्टीनेशनल कंपनियों को लूट मचाने का मौका मिल गया है कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि BJP सरकार का एमएनसी/कंपनियों के साथ फायदा पाने का 'अवपित्र मेल-जोल' अब बेनकाब हो चुका है।
सरकार फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजरर्स को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर कर चुकी है। अब मास्क/हैंड सैनिटाइजर किसी भी एमआरपी (अधिकतम थोक मूल्य) पर बेचे जा सकते हैं! 16 जून को बीजेपी सरकार ने कहा था- लॉकडाउन में ढील दी गई है, इसलिए हैंड सैनिटाइजर की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है और इन्हें दिसबंर 2020 तक EC Act के तहत कवर होना चाहिए। इन चीजों का लगातार उपलब्ध रहना काफी अहम है वह भी उचित कीमतों पर।"
अगर 16 जून को 30 दिसंबर 2020 तक के लिए सैनिटाइजर आवश्यक वस्तुओं में थे, तब आखिर 15 दिनों में क्या बदल गया? सरकार आखिर क्यों लोगों से इन चीजों के लिए अधिक दाम वसूलना चाहती है? कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आखिर इन चीजों पर क्यों कोई दाम की सीमा नहीं तय की जाती है? क्या COVID-19 पर जंग खत्म हो चुकी है?
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