ईरान ने बाल विवाह और महिला जननांग छेदन (खतना) के संबंध में अध्ययन करने
वाले एक ब्रितानी-ईरानी मानविकीविद् को नौ साल कैद की सजा सुनाई है और उस
पर 7,00,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया है।
अर्द्धसरकारी समाचार
एजेंसी ‘तस्नीम’ की खबर के अनुसार, समलैंगिकता को बढ़ावा देने के लिए
यूरोपीय दूतावासों का साथ देने, बीबीसी के रिपोर्टर के रूप में इज़राइल
जाने, विदेशी एवं प्रतिपक्षी मीडिया के साथ सहयोग और संचार स्थापित करने,
कानून को बदलने के उद्देश्य से घुसपैठ और ईरान में मानवाधिकारों पर संयुक्त
राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक को गलत रिपोर्ट भेजने के आरोप में ईरान की
‘रेवोल्यूशनरी कोर्ट’ ने कमील अहमदी को सजा सुनाई है।
खबर के अनुसार, अहमदी 20 दिन के अंदर सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं।
विदेशी खुफिया सेवाओं से संबद्ध संस्थानों से संदिग्ध संबंध के आरोप में अहमदी को अक्टूबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था।
न्यूयॉर्क के ‘सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान’ ने कहा कि अहमदी ‘‘बाल
विवाह, एलजीबीटीक्यू के मामलों और महिला जननांग छेदन समेत सामाजिक रूप से
संवेदनशील मामलों’’ पर अपने कार्य करने के लिए कट्टरपंथियों के निशाने पर
रहे हैं।
No comments:
Post a Comment