प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद प्रयागराज में 5500 करोड़ रुपये
लागत की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। उन्होंने बहुभाषिनी ए0आई0
(आर्टिफिशियल इण्टेलिजेंस) चैटबॉट ‘कुम्भ सहायक’ का शुभारम्भ भी किया। इस अवसर
पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी तथा मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ जी भी सम्मिलित हुए। प्रधानमंत्री जी ने महाकुम्भ प्रदर्शनी का अवलोकन
किया। उन्हांेने श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं तथा सुरक्षा, स्वच्छता और डिजिटल
महाकुम्भ की जानकारी प्राप्त की।
इसके पूर्व, प्रधानमंत्री जी निषादराज क्रूज पर सवार होकर संगम नोज पहुंचे।
प्रधानमंत्री जी ने त्रिवेणी का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया। उन्होंने संगम आरती की।
प्रधानमंत्री जी, राज्यपाल जी तथा मुख्यमंत्री जी ने त्रिवेणी में अक्षत, चन्दन, रोली, पुष्प
और वस्त्र अर्पित किए। प्रधानमंत्री जी ने त्रिवेणी संगम पर पूजा-अर्चना कर 13 जनवरी
से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित होने वाले प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के सफल
आयोजन की कामना की। उन्होंने साधु-संतों से भेंट की और उनका आशीर्वाद प्राप्त
किया। मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को सभी संतजन का परिचय दिया। इस दौरान
प्रधानमंत्री जी ने कुम्भाभिषेक किया।
इसके उपरान्त प्रधानमंत्री जी ने अक्षयवट का दर्शन-पूजन तथा अक्षयवट कॉरिडोर
के कार्याें का अवलोकन किया। उन्होंने सरस्वती कूप का दर्शन-पूजन तथा यहां स्थापित
माँ सरस्वती की प्रतिमा का अभिषेक किया। प्रधानमंत्री जी ने बड़े हनुमान जी मन्दिर में
दर्शन-पूजन किया। उन्होंने बड़े हनुमान जी मन्दिर के नवनिर्मित कॉरिडोर का निरीक्षण
किया तथा 3-डी मॉडल का अवलोकन कर कॉरिडोर के ले-आउट सम्बन्धी पहलुओं की
जानकारी प्राप्त की। ज्ञातव्य है कि 38.19 करोड़ रुपये की लागत से बड़े हनुमान जी
मन्दिर कॉरिडोर के प्रथम फेज का कार्य पूर्ण हो चुका है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा
कि प्रयागराज की इस धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है। अगले साल
महाकुम्भ का आयोजन देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नए शिखर पर
स्थापित करेगा। विश्व का सबसे बड़ा आयोजन, जहां हर रोज लाखों श्रद्धालुओं का
स्वागत और उनकी सेवा लगातार 45 दिनों तक चलने वाले महायज्ञ में होगी। यह एक
नया नगर बसाने का महा-अभियान है।
प्रधानमंत्री जी ने प्रयागराज में संगम की पावन भूमि नमन करते हुए महाकुम्भ में
पधार रहे सभी साधु-संतों एवं महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए दिन-रात परिश्रम कर
रहे कर्मचारियों, श्रमिकों और सफाई-कर्मियों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि यह
महाकुम्भ एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है। यह
गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है। इन
नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, जो महात्म्य
है, उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका संयोग, उनका प्रभाव, उनका प्रताप
यह प्रयाग है। यह केवल तीन पवित्र नदियों का संगम नहीं है। प्रयाग के बारे में कहा
गया है-‘माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई।।’ अर्थात जब सूर्य
मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब सभी दैवीय शक्तियाँ, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महर्षि,
मनीषि प्रयाग में आ जाते हैं। ये वह स्थान है, जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं
होते। प्रयागराज वह स्थान है, जिसकी प्रशंसा वेद की ऋचाओं ने की है।
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