शक्ति सिंह पर ज्योतिषाचार्च रामानंद शुक्ल ने ठगी कर एक लाख रुपये से अधिक की रकम हड़पने का आरोप है। रामानन्द ने बार कौंसिल में परिवाद प्रस्तुत किया था। कौंसिल की अनुशासन समिति ने पाया कि अधिवक्ता शक्ति सिंह पर लगाए आरोप सही हैं इसके अलावा उनके विरुद्ध कई थानो पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनकी सूचना बार कौंसिल को न देकर उन्होंने प्रावधानों का उल्घंन किया है।
परिवाद पर सुनवाई के दौरान अनुशासनात्मक समिति ने पाया कि रामानंद शुक्ल के साथ हुई घटना की जांच क्षेत्राधिकारी सिविल लाइंस द्वारा की गई है। सीओ की रिपोर्ट में रामानन्द द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया गया है। इसके अलावा शक्ति सिंह के खिलाफ मांडा, जार्जटाउन , नैनी आदि थानों में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। सुशीला कुमार नाम की महिला ने तीन अप्रैल 2018 को धारा 302 आईपीसी(हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
शक्ति सिंह के नाम से एक व्यवसायिक वाहन भी पंजीकृत पाया गया। अनुशासन समिति के समक्ष शक्ति सिंह ने अपने बचाव में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। इन तमाम आधारों पर अनुशासन समिति ने शक्ति सिंह को व्यवसायिक कदाचार का दोषी ठहराते हुए उनके वकालत पर 15 वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया है।
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