22 मई की रात को जब मोदी जी अपने आफिस में दिन के 25 वें घंटे ओवर टाइम कर रहे थे तब एक फ़ोन घनघनाता है,मोदी जी के फ़ोन उठाते ही एक घबराई हुई औरत की आवाज़ सुनाई देती है " मोडी जी मोडी जी , न्यू जी लैंड को कोरोना से बशा लीजिये । हम आफके जिनडगी भर एहशान में रहेगा ।" वो औरत थी न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा ऑर्डर्न ।
उसके बाद मोदी जी ने तुरंत राजनाथ , डोभाल, निर्मला , हर्षवर्धन और रामदेव के साथ आपातकालीन मीटिंग बुलाकर न्यूजीलैंड को कोरोना मुक्त करने का ब्लू प्रिंट बना लिया । मीटिंग में निर्मला ताई ने न्यूजीलैंड की इकॉनमी को स्थिर रखने के लिये अपनी सलाह दी , हर्षवर्धन ने कोरोना केस को कंट्रोल करने की एडवाइजरी बनाई तथा रामदेव को कोरोनिल बूटी का आर्डर दिया गया और राजनाथ को बोलने का मौका नही मिला । हमेशा की तरह ब्लू प्रिंट , मास्टर प्लान , चक्रव्यूह , स्ट्रेटजी , डोभाल जी ने तैयार किया । फिर मोदी जी ने ये सब जेसिंडा जी को समझा दिया कि कैसे कोरोना से जीतना है । उसके बाद 8 जून को न्यूजीलैंड कोरोना मुक्त हो गया । जेसिंडा ने मोदी जी के नेतृत्व की भूरी भूरी प्रशंसा की ।
लेकिन भारत मे ये सब संभव नही है क्योंकि यहां की स्वार्थी जनता मोदी जी की बात नही सुन रही है । लोग लॉक डाउन तोड़ रहे है और पूछ रहे है ये लॉक डाउन बार बार क्यों ,भूखा मारना है क्या। मार्च में 21 दिन फिर लॉकडौन दो तीन चार पांच का क्या रिजल्ट रहा । आज भारत भी न्यूजीलैंड की तरह कोरोना मुक्त होता अगर जनता समझदार होती । मोदी जी ये देश आपको डिज़र्व नही करता है ।
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