नागरिक के रूप में इस लोकतंत्र में आपकी औकात इतनी ही है कि आपके प्रधानमंत्री ने
-एक Press कॉन्फ्रेंस करने की जरूरत तक नहीं समझी
-आपने RTI डाली तो जबाव देने की जरूरत नहीं समझी
-Jobs की पूछी, तो आंकड़ें देने की जरूरत नहीं समझी
-विकास की पूछी, तो GDP बताने की जरूरत नहीं समझी
-चीन ने सीमा घेरी तो अपडेट देने की जरूरत नहीं समझी
-PMCRE की पूछी तो हिसाब देने की जरूरत नहीं समझी
उन्होंने क्या किया?
-आपने फीस की पूछी, पुलिस से पिटवा दिया।
-आपने संसदीय कानून की पूछी तो जेल में डलवा दिया
-आपने कश्मीर की पूछी तो NSA लगा दिया।
-आपने भीमा कोरेगांव की पूछी तो नक्सली बना दिया
-आपने मिड डे मिल की पूछी तो FIR करवा दिया।
आपको लगता है हिन्दू राष्ट्र में आपको सहूलियतें मिलने वाली हैं जबकि असलियत ये है कि हिन्दू राष्ट्र में आपकी औकात एक नागरिक की है ही नहीं, ऊपर वाले फैक्ट्स तो यही बताते हैं कि आप दया के पात्र हैं। अन्य पश्चिमी लोकतांत्रिक राष्ट्रों को आपसे सहानुभूति रखनी चाहिए कि 2020 में एक अच्छा खासा राष्ट्र अपनी गलतियों के कारण दो नेताओं की गुलामी कर रहा है।
श्याम मीरा सिंह
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