इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित भगवान विश्वेश्वर नाथ मंदिर-मस्जिद विवाद की सुनवाई शुरू हो गयी है। अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।
अंजुमन
इंतजामिया मस्जिद वाराणासी की तरफ से अपर जिला जज वाराणसी के आदेश की
चुनौती में दाखिल याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं।
याचिका में वाराणसी में दाखिल स्वयंभू भगवान विश्वेस्वर के सिविल वाद को
उपासना स्थल (विशेष उपबंध) कानून 1991 की धारा 4 से बाधित मानते हुए निरस्त
करने की मांग की गयी है। मंदिर की तरफ से कहा गया है कि तहखाने व आसपास
लगातार पूजा अर्चना हो रही है। इसलिए अवैध निर्माण हटाकर मंदिर का
पुनरुद्धार करने की अनुमति दी जाय और याचिका खारिज की जाय।
मालूम
हो कि 18 अक्टूबर 91 को स्वयंभू लार्ड विश्वेस्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया
मस्जिद वाराणसी सिविल वाद दायर किया गया। जिसमे तहखाने के ऊपर निर्माण सहित
पुराने मंदिर के हिस्से व नौबत खाने को भगवान विश्वेस्वर नाथ की संपत्ति
घोषित करने, हिन्दुओं को मंदिर का पुनरुद्धार करने का अनुमति देने तथा
मंदिर भूमि पर मुस्लिम समुदाय के कब्जे को अवैध घोषित करने की मांग की गयी
है। साथ ही अवैध निर्माण हटाकर वादी को कब्जा सौपा जाय और सेवा,पूजा,राज
भोग में हस्तक्षेप पर स्थायी रोक लगायी जाय।
याची
ने 1991के उपासना स्थल कानून के तहत आपत्ति दाखिल कर 15 अगस्त 1947 की
स्थिति बरकरार रखे जाने व मुकद्दमें को खारिज करने की मांग की। कोर्ट ने
वाद विन्दुओं तय किये कि क्या न्याय शुल्क पर्याप्त है और क्या वाद धारा 4
से वर्जित होने के कारण निरस्त करने योग्य है।
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