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Friday, 17 July 2020

संजय बरू जैसे आदमी के साथ ठगी हो सकती है तो आप और हम चीज ही क्या है?

डॉ. संजय बारू याद है आपको वही 'द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' किताब के लेखक जिस पर फिल्म भी बन चुकी है खबर है कि उनके साथ 24 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गयी है उन्होंने ऑनलाइन शराब मंगाई थी मेवात के आकिब जावेद ने फर्जी आईडी बनाकर ऑनलाइन शराब बिक्री का विज्ञापन दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने फेसबुक पर विज्ञापन देखने के बाद आकिब जावेद को शराब का ऑर्डर दिया।


बारू ने पहली किस्त के रूप में आकिब के अकाउंट में 24 हजार रुपए जमा किए, लेकिन ऑनलाइन भुगतान करने के बाद भी आकिब ने शराब की डिलीवरी नहीं कराई। इसके बाद जब संजय बारू ने आकिब से संपर्क करने की कोशिश की तो उसकी फेसबुक आईडी और मोबाइल नंबर बंद मिले।

डॉ. संजय बारू के पास राजनीतिक एवं आर्थिक विश्लेषण क्षेत्र में काम का काफी अनुभव है। वह 2004 से 2008 तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रह चुके हैं। वह 1999 से 2001 के बीच भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के भी सदस्य रह चुके हैं। भारत-आसियान प्रमुख व्यक्ति समूह 2010 में वह रह चुके हैं। भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय समिति के भी वह 2002 से 2004 तक सदस्य रहे हैं। डॉ. संजय बारू ने साल 2017 में देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (फिक्की) के महासचिव का कार्यभार संभाला था। इस साल अप्रैल 2018 में उन्होंने फिक्की से इस्तीफा दे दिया। पत्रकार के तौर पर डॉ. संजय बारू बिजनस स्टैंडर्ड के चीफ एडिटर, इकनॉमिक्स टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया के असोसिएट एडिटर रह चुके हैं। वह हैदराबाद विश्वविद्यालय, इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनैशनल इकनॉमिक रिलेशंस, दिल्ली और ली कुआन येव स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी, सिंगापुर में अर्थशास्त्र के प्रफेसर भी रह चुके हैं।

इस लेवल के आदमी के साथ ठगी हो सकती है तो आप और हम चीज ही क्या है

गिरीश मालवीय जी की वाल से साभार।

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